Mano To Main Ganga Maa Hun Lyrics – Tripty Shakya

Singer Tripty Shakya
Music VIZY AFRED

Mano To Main Ganga Maa Hun Lyrics

मानो तो मैं गंगा माँ हूँ,
ना मानो तो बहता पानी,
जो स्वर्ग ने दी धरती को,
में हूँ प्यार की वही निशानी,
मानो तो मैं गंगा माँ हूँ,
ना मानो तो बहता पानी ॥

युग युग से मैं बहती आई,
नील गगन के नीचे,
सदियो से ये मेरी धारा,
ये प्यार की धरती सींचे,
मेरी लहर लहर पे लिखी है
मेरी लहर लहर पे लिखी है
इस देश की अमर कहानी,
मानो तो मैं गंगा माँ हूँ,
ना मानो तो बहता पानी ॥

हरी ॐ, हरी ॐ, हरी ॐ॥
हरी ॐ, हरी ॐ, हरी ॐ॥

कोई वजब करे मेरे जल से,
कोई वजब करे मेरे जल से,
कोई मूरत को नहलाए,
कही मोची चमड़े धोए,
कही पंडित प्यास बुझाए,
ये जात धरम के झगड़े ओ,
ये जात धरम के झगड़े,
इंसान की है नादानी,
मानो तो मैं गंगा मा हूँ,
ना मानो तो बहता पानी ॥

हर हर गंगे हर हर गंगे ॥
हर हर गंगे हर हर गंगे ॥

गौतम अशोक अकबर ने,
यहा प्यार के फूल खिलाए,
तुलसी ग़ालिब मीरा ने,
यहा ज्ञान के दिप जलाए,
मेरे तट पे आज भी गूँजे,
मेरे तट पे आज भी गूँजे,
नानक कबीर की वाणी
मानो तो मैं गंगा मा हूँ,
ना मानो तो बहता पानी ॥

मानो तो मैं गंगा माँ हूँ,
ना मानो तो बहता पानी,
मानो तो मैं गंगा माँ हूँ,
ना मानो तो बहता पानी ॥